सातवें और आठवें वेतनमान का तुलनात्मक अध्ययन वेतनमान में वृद्धि और खर्चों पर कितना पड़ेगा असर

न्यूनतम वेतन ₹18 हजार से बढ़कर ₹46 हजार और ग्रेच्युटी भी करीब ढाई गुना तक बढ़ जाएगी, उच्चतम वेतन में कितनी वृद्धि संभव ? न्यूनतम वेतन बढ़ने का गणित क्या है?

जयपुरः 7वें वेतनमान में क्या है? उच्यतम ग्रेड वाले सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी का मूल वेतन 2.5 लाख रु. है। इनके वेतन में महंगाई भत्ता नहीं जुड़ता है। इसलिए 2.57 के फिटमेंट फैक्टर के आधार पर 8वें वेतनमान में इनका वेतन बढ़कर 6.40 लाख रुपए हो जाएगा। इनकी ग्रेच्युटी पर असर? ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 30 लाख रु. ही है। अगर सरकार ने यह नहीं बढ़ाई तो यह यथावत रहेगी। अन्य क्या फायदे होंगे? केंद्रीय कर्मियों को 34 माह के मूल वेतन के बराबर होम लोन केवल 8.5% के ब्याज पर मिलता है। छठे वेतनमान में यह लोन राशि 7.5 लाख थी। 7वें में 3.2 गुना होकर 25 लाख के करीब पहुंच गई। 8वें वेतनमान में यह बढ़कर 80 लाख रु. हो जाएगी।

पेंशन की राशि में कैसे बढ़ोतरी होगी?

छठे वेतनमान में पेंशन 14% और 7वें में 23.66% तक बढ़ी थी। इसी फॉर्मूले के आधार पर इस बार पेंशन न्यूनतम 34% तक बढ़ेगी। उदाहरण से समझिए, एक रिटायर्ड आयकर अधिकारी हैं। उनकी अंतिम बेसिक सैलरी 80 हजार रु. थी। इस पर उन्हें प्रति माह 40 हजार रु. पेंशन मिल रही है। अंतिम बेसिक 80 हजार रु. पर 34% की बढ़ोतरी यानी 27,200 रु. बढ़ जाएंगे। यानी अब बेसिक पेंशन बढ़कर 40,000-27,200 रुपए यानी 67,200 रुपए हो जाएगी। • एक चीफ कमिश्नर के पद से रिटायर अधिकारी का अंतिम बेसिक 2.5 लाख था। उन्हें पेंशन 1.25 लाख मिल रही है। 34% की बेसिक में न्यूनतम वृद्धि होने पर 85 हजार रु. बढ़ेगे। वृद्धि की गणना अंतिम बेसिक के आधार पर की जाती है। भले पेंशन उससे 50% कम हो।

8वें वेतनमान में क्या होगा ?

7वें वेतनमान में क्या है? किसी का न्यूनतम वेतन 18 हजार है, तो महंगाई भत्ता 53% है। 31 दिसंबर 2025 से पहले दो बार में 3%-3% महंगाई भत्ता मिलेगा। यानी कुल महंगाई भत्ता 59% हो जाएगा। इसे जोड़कर 8वां वेतनमान लगने से पहले कुल वेतन 28,620 रु. होगा। 8वें वेतनमान में क्या होगा ? संभावित फिटमेंट फैक्टर 2.57-2.90 रहेगा यानी वेतन में इतने गुना की बढ़ोतरी होगी। 2.57 से गणना करें तो न्यूनतम वेतन 18 हजार से बढ़कर 46,260 हो जाएगा। यानी न्यूनतम वेतन 46,260-28,620-17,640 रु. बढ़ेगा यानी 38.13% की वृद्धि। ग्रेच्युटी 4.89 लाख से 12.56 लाख होगी. अगर मूल वेतन 18 हजार रु. व महंगाई भत्ता 10,620 है। इसका जोड़ होगा 28,260, इसमें 26 का भाग देंगे। इससे दैनिक वेतन निकलेगा 1087 रु.। इसमें 15 का गुणा करने पर आधे माह का वेतन होगा 16,305 रु.। अगर उसने 30 साल नौकरी की है तो उसकी ग्रेच्युटी होगी 16,305×30 यानी 4.89 लाख रुपए। इसे अगर 8वें वेतनमान के 2.57 फिटमेंट से गणना करें तो यह राशि 4.89×2.57 यानी 12.56 लाख रु. हो जाएगी।

प्राइवेट जॉब वालों पर क्या असर होगा?

जब-जब सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी हुई है, तो बराबर प्रतिस्पर्धा वाले निजी क्षेत्रों में भी 5% से 8% वेतन बढ़ा है। 7वें वेतन आयोग के बाद यह बदलाव देखने को मिला था। कई शहरी निजी कंपनियों ने अपने वेतन ढांचे को सरकारी बेंचमार्क के हिसाब से बदला। ग्रेच्युटी, पात्रता और लाभ के सरकारी मानदंडों के अनुरूप रखे।

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