जयपुर, 16 मार्च: राजस्थान में निजी स्कूलों की समस्याओं और भारतीय शिक्षा पद्धति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जयपुर स्थित दीपशिखा यूनिवर्सिटी में एक महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का नेतृत्व एसएसपी राजस्थान सुप्रीमो डॉ. अनिल शर्मा ने किया, जिसमें प्रदेशभर के निजी स्कूल संचालकों, शिक्षाविदों और एसएसपी पदाधिकारियों ने भाग लिया।
भारतीय शिक्षा बोर्ड की संबद्धता पर जोर
सम्मेलन में भारतीय शिक्षा बोर्ड के आचार्य सहित कई शिक्षाविदों ने भाग लिया और भारतीय संस्कृति व संस्कारों को आगे बढ़ाने पर विशेष जोर दिया। वक्ताओं ने कहा कि भारतीय शिक्षा पद्धति के आधार पर विद्यार्थियों को संस्कारवान और योग्य नागरिक बनाना आज की महत्ती आवश्यकता है।
आरटीई यूनिट कॉस्ट कटौती का विरोध
सम्मेलन में राजस्थान सरकार द्वारा आरटीई (निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम) के तहत दी जाने वाली यूनिट कॉस्ट में कटौती का कड़ा विरोध किया गया। साथ ही, आरटीई के अंतर्गत किताबों का भुगतान सीधे अभिभावकों के खातों में करने के निर्णय पर भी असहमति जताई गई। स्कूल संचालकों का कहना था कि इस फैसले से निजी स्कूलों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा और आरटीई के लाभार्थी विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है।
सरकार से समाधान की माँग, आंदोलन की चेतावनी
सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि जल्द ही सरकार से उचित समाधान के लिए बातचीत की जाएगी। यदि सरकार इस पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है, तो प्रदेशभर में वृहद आंदोलन किया जाएगा।
सम्मेलन में शामिल प्रमुख शिक्षाविद एवं पदाधिकारी
इस अवसर पर नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर, सीकर और अन्य जिलों से भी शिक्षा परिवार के पदाधिकारी शामिल हुए। प्रमुख रूप से शास्त्री माडूराम सैनी, उम्मेद सिंह मान, जगमाल यादव, कृष्ण कसाना, महेश सैनी, हरिकेश सैनी सहित अनेक स्कूल संचालक उपस्थित रहे।
सम्मेलन में निजी स्कूलों के भविष्य को सुरक्षित करने, भारतीय शिक्षा प्रणाली को मजबूती देने और सरकारी नीतियों में आवश्यक सुधार की माँग को पुरजोर तरीके से उठाया गया। आयोजकों ने आश्वासन दिया कि यदि सरकार जल्द समाधान नहीं निकालती, तो पूरे राजस्थान में निजी स्कूलों की ओर से व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
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