मुख्यमंत्री का विजनरी कदम किसानों की दशा और दिशा बदलने में अहम् भूमिका अदा करेगी एग्रीस्टैक योजना

चरणबद्ध रूप से ग्राम पंचायत स्तर पर लगाये जायेंगे शिविर, जिला स्तर पर की जाएगी प्रभावी मॉनिटरिंग और उपखंड स्तर से किया जायेगा पर्यवेक्षण

करौली, 17 जनवरी: कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीडी शर्मा ने बताया कि एग्रीस्टैक योजना मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का एक विजनरी कदम है। यह किसान केन्द्रित समाधान उपलब्ध करवाने की दिशा में एक महत्वाकांक्षी पहल साबित होगी। इससे कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की नया पटाक्षेप होगा। इसके अन्तर्गत किसानों की जानकारी का व्यापक डेटाबेस तैयार किया जाएगा। वहीं प्रत्येक किसान को एक विशिष्ट कृषक आईडी प्रदान की जाएगी। फरवरी माह से सम्पूर्ण प्रदेशभर सहित करौली जिले में भी कृषक पंजीयन का कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। चरणबद्ध रूप से ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर लगाये जायेंगे और उपखंड स्तर पर पर्यवेक्षण किया जायेगा। वहीं जिला स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की व्यवस्था रहेगी। जिससे किसानों को केन्द्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सुगमता एवं पारदर्शिता आएगी। उन्होंने बताया कि एग्रीस्टैक योजना से कृषि विकास के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति का प्रादुर्भाव होगा और किसान केन्द्रित समाधान की दिशा यह एक विजनरी कदम साबित होगा। जो किसानों की दशा और दिशा बदलने में अहम् भूमिका अदा करेगा।

एग्रीस्टैक योजना क्या है?

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध पर विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित कर किसानों इस मिशन में किसान अहम कड़ी बताया एवं कृषकों को इस मिशन के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने के निर्देश समस्त अधिकारियों को प्रदान किये। जिससे अधिक से अधिक किसानों को इस मुहीम से जोड़ा जा सके और कोई भी अन्नदाता सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रह सके। इसलिए किसान हित में की गई इस महत्वपूर्ण पहल का व्यापक स्तर पर सोशल मीडिया आदि पर प्रचार-प्रसार करने के लिए भी सभी स्तरों पर सम्बंधित अधिकारिओं को निर्देशित किया।
एग्रीस्टैक किसानों का गोल्डन रिकॉर्ड साबित होगा।

उल्लेखनीय है कि एग्रीस्टैक कृषि से संबंधित डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचा उपलब्ध कराने की केन्द्र सरकार की परियोजना है। इसके अंतर्गत डिजिटल रूप में क्रॉप सर्वे, फार्मर रजिस्ट्री एवं भू-संदर्भित नक्शे का डेटाबेस निर्माण कर प्रत्येक किसान को विशिष्ट आईडी प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर डेटा तैयार करने से लेकर पीएम किसान सम्मान निधि में ऑटोमेशन, किसान क्रेडिट कार्ड योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं एवं सेवाओं तक किसानों की पहुंच आसान हो सकेगी।

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