
नीमकाथाना के सीमावर्ती गांव सुरपुरा (उदयपुरवाटी) के लोग खौफ में, सांड ने मचा रखा है आतंक, 13 लोग जख्मी रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी की मौके पर हुई मौत
क्या था पूरा मामला?
झुंझुनू: उदयपुरवाटी तहसील के सुरपुरा गांव में आवारा सामने आतंक मचा रखा है। पिछले कई महीनो में सांड ने एक दर्जन से अधिक लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर चुका है। जिसमें बुजुर्ग बड़े बच्चे सभी शामिल हैं एक व्यक्ति को तो गंभीर चोट के बाद उपचार के लिए दिल्ली तक ले जाया गया। संबंधित सांड को गांव से बाहर सुरक्षित जगह छुड़वाने की मांग को लेकर ग्रामीण ग्राम पंचायत प्रशासन सरपंच सहित उदयपुरवाटी विधायक को भी सूचित कर चुके हैं। इस सांड को गांव से बाहर छुड़ाने की मांग कर चुके हैं परंतु ना तो ग्राम पंचायत प्रशासन द्वारा और ना ही विधायक द्वारा इस मामले में कोई उचित कदम उठाया गया। इसका बड़ा खामियाजा यह हुआ कि मंगलवार सुबह एक सेवानिवृत अध्यापक प्रभु दयाल मीणा पर इस सांड फिर हमला किया हमले के दौरान ही पूर्व कर्मचारी की मौके पर मौत हो गई।
जन जागरण संदेश ब्यूरो चीफ वी.के. सैनी ने उदयपुरवाटी थाना अधिकारी सहित पचलंगी चौकी इंचार्ज को फोन कर मामले की जानकारी दी और संबंधित विभाग को कार्यवाही के लिए सूचना प्रेषित करने हेतु मांग रखी। ताकि आगे से गांव के अन्य लोगों के साथ दुखद दुर्घटना ना हो।
ग्रामीणों ने आवारा पशुओं को पकड़ने की मांग की
शव को नीमकाथाना जिला अस्पताल की मॉर्च्यूरी में रखवाया गया, जहां पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई की गई। सूचना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण और परिजन अस्पताल के बाहर इकट्ठा हो गए। परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बड़ी संख्या में आवारा सांड और अन्य पशु घूमते रहते हैं। इस समस्या को लेकर उन्होंने कई बार ग्राम पंचायत और प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रभु दयाल सहित कुल 6 भाई हैं। प्रभुदयाल चौथे नंबर का था। उसके चार भाईयों की पहले ही मौत हो चुकी है। प्रभुदयाल के दो बेटे है। बड़ा बेटा सरकारी सेवा में है। छोटा बेटा झुंझुनूं रहता है और प्राइवेट जॉब करता है। सुरपुरा में बुजुर्ग अपनी पत्नी और बड़े बेटे के साथ निवास करता था।
जिसमें संबंधित ग्राम पंचायत पर समय पर कार्रवाई न करने के आरोप लगाए गए क्योंकि ग्रामीण पहले कई बार इस मामले में कार्यवाही को लेकर ग्राम पंचायत को सूचित कर चुके थे। विधायक ने भी मामले की सूचना के बाद भी संज्ञान नहीं लिया था।
हमारी खबर का असर क्या हुआ?
संबंधित घटना की खबर चलाकर हमने सुरपुरा ग्राम पंचायत प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया और संबंधित विभाग व अधिकारियों तक प्रेषित किया। खबर लगने की कुछ ही घंटे बाद संबंधित गांव के ग्राम पंचायत प्रशासन ने मामले में संज्ञान लिया और खतरनाक आवारा सांड को गांव से बाहर कहीं सुरक्षित जगह छोड़ने के लिए प्रयास शुरू किया। जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत सरपंच के द्वारा सांड को दूर छुड़वाने के लिए एक बंजारा टोली से बातचीत की गई। ₹7000 में उनका सौदा तय हुआ और गांव वालों की मदद से सांड को घेर कर उनके नाक में नकेल कसी गई। बिना किसी प्रकार के इंजेक्शन या नशे के ही सांड को पड़कर पिकअप में चढ़ाया गया। पिकअप से उन्हें गौशाला में छोड़ने की बात कही गई परंतु संबंधित गौशाला संचालक ने सांड को रखने से मना करने के बाद मनसा माता की तरफ पहाड़ियों में सांड को छोड़ने की बात कही गई।
घटना के संबंध में ग्रामीणों ने क्या कहा वीडियो देखें
यह कर भी पढ़ें: होटल संचालक पर लोहे के सरियों से जानलेवा हमला करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार