पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया है। तबीयत बिगड़ने के बाद देर शाम उन्हें दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन से देश ने एक सच्चा देशभक्त, महान अर्थशास्त्री और सादगी का प्रतीक खो दिया।
1991 के आर्थिक संकट में उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत के लिए वरदान साबित हुआ। उनके सुधारों ने करोड़ों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाया। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने सूचना क्रांति, मनरेगा, किसानों की कर्जमाफी और शिक्षा के अधिकार जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए, जिनका लाभ भारत आज भी उठा रहा है।
उनकी ईमानदारी, विनम्रता और राष्ट्रसेवा का हर भारतीय सदैव ऋणी रहेगा। यह युगांतकारी क्षति है।वह 92 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
जानकारी के अनुसार साल 2006 में मनमोहन सिंह की दूसरी बार बाईपास सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से वह काफी बीमार चल रहे थे। गुरुवार को उन्हें सांस लेने में तक़लीफ और बेचैनी के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था। उनका जन्म 26 सितम्बर 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह (अब पाकिस्तान) में हुआ था।
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