
चक्का जाम में नीमकाथाना भाजपा नेता प्रेम सिंह बाजोर को छोड़कर अन्य सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता और लोग रहे शामिल। दिन भर नीमकाथाना शहर में छाया रहा सन्नाटा।
नीमकाथाना/30 जनवरी: गुरुवार को नीमकाथाना जिला और सीकर संभाग बहाली की मांग लेकर पूर्ण चक्का जाम किया गया। चक्का जाम का मुख्य स्थान सिरोही बाईपास को चुना गया। जिसमें सुबह से ही लोग जुटना शुरू हो गए। दोपहर होते-होते हजारों लोग चक्का जाम में उपस्थित होकर सड़क को रोक कर धरने पर बैठे। इसके दौरान नीमकाथाना के प्रमुख विभिन्न पार्टियों के नेतृत्व कर्ता एकजुट नजर आए जिसमें मौके पर वर्तमान विधायक सुरेश मोदी के पुत्र सुमित मोदी भी पहुंचे और उन्होंने बताया कि विधायक सुरेश मोदी विधानसभा सत्र चलने के करण इस चक्का जाम में स्वयं उपस्थित नहीं हो पाए परंतु मैं उनकी ओर से चक्का जाम में यहां उपस्थित हूं और हम नीम का थाना जिले बहाली के लिए इस लड़ाई में साथ हैं। वही मौके पर पूर्व विधायक व रमेश खंडेलवाल भी अपने समर्थकों के साथ चक्का जाम में दिनभर उपस्थित रहे और उन्होंने बताया कि नीमकाथाना का जिला का दर्जा छीनकर सरकार ने नीम का थाना के लोगों के साथ अन्याय किया है।
अब इस आंदोलन को और बड़ा करना पड़ेगा अगर हमें रेल रोकनी पड़े या रेलवे की पटरियों पर बैठना पड़ा तो हम वह भी करने के लिए तैयार हैं। वहीं भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी कार्यकर्ता गोपाल सैनी ने भी इस चक्का जाम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और नीमकाथाना के सम्मान में युवा शक्ति मैदान में संगठन के प्रमुख पदाधिकारी व नीमकाथाना के अन्य पार्टियों के नेताओं के बीच समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नीमकाथाना से विधायक प्रत्याशी रहे राजेश मीणा (भाईडा) ने कहा कि यह हमारे नीमकाथाना के लोगों के स्वाभिमान की लड़ाई है। यह लंबी चल सकती है यह गूंगी, बहरी और अंधी सरकार जब तक हमारी बात नहीं सुनती तब तक हम यह आंदोलन जारी रखेंगे।
वही नीमकाथाना से प्रमुख सामाजिक महिला कार्यकर्ता मंजू सैनी ने भी चक्का जाम में उपस्थित होकर समर्थन दिया और कहा कि भविष्य में भी इस आंदोलन को हम और मजबूत करने के लिए महिलाओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी और आंदोलन को निरंतर जारी रखना पड़ा तो आगे हम महिलाओं की संख्या भी इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन में शामिल करेंगे।
उदयपुरवाटी से विधायक रहे और पूर्व में राजस्थान सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र सिंह गुढा़ भी चक्का जाम के अंदर शामिल हुए और राजेंद्र गुढा़ ने कड़े शब्दों में नीम का थाना के भाजपा नेता प्रेम सिंह बाजोर पर तंज कसे प्रेम सिंह बाजोर के बारे में कहा कि वह विभिन्न कार्यक्रमों में फीते काटते घूम रहे हैं तो यहां की जनता को उन्हें अपना विरोध दिखा देना चाहिए। जो विभिन्न पार्टियों के लोग यहां इस चक्का जाम में उपस्थित नहीं है उनके काले मुंह करके गधे पर बैठना चाहिए। जिन लोगों के मुंह पहले से ही काले हैं उनके सफेद कर देने चाहिए। राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि यह एक-दो दिन की लड़ाई नहीं है। यह सरकार एक-दो दिन के इस चक्का जाम से मानने वाली नहीं है। इस लड़ाई को हमें लंबे समय तक लड़ना होगा। राजेंद्र सिंह गुढा़ ने नीमकाथाना की सम्मान में युवा शक्ति मैदान में संगठन के नेतृत्व में चल रहे।
इस चक्का जाम को लेकर कहा कि अब इस चक्का जाम को लगातार जारी रखना चाहिए और विभिन्न तहसील वाइज या ग्राम पंचायत वाइज एक-एक दिन वहां के लोग यहां आकर इस चक्का जाम को निरंतर जारी रखें तब हो सकता है कि सरकार तो क्या? खुद मुख्यमंत्री यहां आकर आपकी बात सुनने को मजबूर होंगे। वहीं पूर्व मंत्री गुढा़ ने कहा कि अब चक्का जाम से भी काम नहीं चलेगा तो रेलवे की पटरियों पर बैठना चाहिए। वहां बैठने की बात आए मुकदमा लगाने की बात आए तो हम युवाओं को पीछे कर देंगे नीमकाथाना जिला बहाली के मुद्दे पर मुकदमा लगाने को हम तैयार हैं।
नीमकाथाना से पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल देर शाम तक चक्का जाम की धरना स्थल पर उपस्थित रहे। छात्र नेता विनोद भूदौली के नेतृत्व में नीमकाथाना के भूदौली चौराहे के ऊपर चक्का जाम किया गया। जहां चक्का जाम के समर्थकों ने दिनभर दिल्ली की ओर से जयपुर की ओर जाने वाले वाहनों रोका और चक्का जमकर अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज करवाया।
दिनभर नीमकाथाना में संपूर्ण चक्का जाम रहा, मार्केट, उद्योग, गैर सरकारी स्कूल व अन्य प्रमुख संस्थान भी पूर्ण रूप से बंद रहे। हॉस्पिटल, एम्बुलेंस, मेडिकल, पेट्रोल पंप जैसे इमरजेंसी सेवाओं को चालू रखा गया।
खेतड़ी डिपो की रोडवेज जयपुर सिंघाना बसों का भी रूट चक्का जाम के चलते रूट परिवर्तन के आदेश जारी कर उन्हें ग्रामीण रास्तों से निकल गया। सिंघाना खेतड़ी से जाने जयपुर जाने वाली बसों का बबाई, चौफूल्या, मणकसास, घाट, खंडेला, कावंट होते हुए जयपुर के लिए रूट भेजा गया।
नीम का थाना चक्का जाम में प्रशासनिक व्यवस्था के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए
नीमकाथाना में होने वाले चक्का जाम के लिए आठ ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए। जिनमें रींगस एसडीएम बृजेश गुप्ता को सिरोही बाइपास चौराहा पर नियुक्त किया गया जो चक्का जाम का मुख्य केंद्र भी था। वहीं इसके अलावा सात अन्य ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए। जिसमें विभिन्न स्थान से एसडीएम और तहसीलदारों को नियुक्त किया गया। नेछवा एसडीएम राजवीर यादव को भूदोली बाइपास, श्रीमाधोपुर एसडीएम को खेतडी मोड़, नायाब तहसीलदार देवीलाल चौधरी नीमकाथाना कोर्ट के सामने, तहसीलदार अभिषेक सिंह जीर को चौकी, खंडेला तहसीलदार अमीलाल को मावंडा, पाटन तहसीलदार को राजपुरा घाटी, और श्रीमाधोपुर तहसीलदार को चला बस स्टैंड के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया।
चक्का जाम के मुख्य स्थल सिरोही बाईपास पर नियुक्त ड्यूटी मजिस्ट्रेट एसडीएम बृजेश गुप्ता को “नीमकाथाना के सम्मान में युवा शक्ति मैदान में” संगठन के नेतृत्व में नीमकाथाना के पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल सहित अन्य लोगों के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सोपा गया और ज्ञापन में मांग रखी कि हमारी ओर से 21 लोगों के डेलिगेशन को मुख्यमंत्री से मिलवाया जाए और नीम का थाना जिला बहाली के विषय में वार्ता करवाई जाए। अन्यथा हम चक्का जाम से नहीं उठेगें और चक्का जाम को निरंतर जारी रखेंगे।
नीम का थाना चक्का जाम आंदोलन वापस क्यों लिया गया किस बात पर बनी सहमति?
शाम को लगभग 7:30 से 8:00 प्रशासन ने चक्का जाम करने वाले नीमकाथाना के सम्मान में युवा शक्ति मैदान में संगठन के नेताओं से 7 दिन का समय मांगा और इस पर सहमति बनी इसके बाद चक्का जाम को समाप्त करने की घोषणा की गई परंतु संगठन के नेता ने बताया कि अगर 7 दिन के अंदर मुख्यमंत्री से हमारे संगठन के डेलिगेशन की वार्ता सफल नहीं हुई तो हम नीमकाथाना में रेल रोको आंदोलन शुरू करेंगे
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