नीमकाथाना के कोटड़ा गांव में JJM योजना विभाग और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही तीन से चार घर हुए डैमेज लोगों का निवास करना खतरे से खाली नहीं

अगर ऐसे ही पानी की लाइन बिछाने का काम चला रहा तो कोटड़ा का यह मोहल्ला और मकान मालवे में हो सकते हैं तब्दील

नीमकाथाना : शहर से 5 से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोटड़ा गांव उत्तर का (कुमावत) मोहल्ला जल जीवन मिशन योजना के तहत गौरव पथ योजना में बनी सीसी सड़क को तोड़कर ढाई से 3 फीट गहरी और दो से ढाई फीट चौड़ा गड्ढा खोदकर पानी की पाइपलाइन डालने का काम चालू था।

शहर में घना आबादी क्षेत्र होने के कारण सड़क के दोनों और लोगों के घर बने हुए हैं। मुख्य सड़कों के सहारे सैकड़ों परिवार निवास करते हैं। संबंधित टेंडर के ठेकेदार ने गड्ढे खोदकर पानी की पाइपलाइन डाल उसको वापस व्यवस्थित तरीके से बंद ना करके सीसी सड़क से टूटकर बने पत्थर और ढेलों से पाइपलाइन के गढ्ढे को बंद करने की कोशिश की। उसी दौरान ग्रामीणों ने उन्हें सूचित किया कि यह आगे चलकर हमारे घरों के लिए खतरा है। बारिश के दौरान घरों की नींव में पानी घुस जाएगा और हमारे मकान तहस-नहस हो सकते हैं। परंतु संबंधित विभाग के ठेकेदारों व कर्मचारियों ने ग्राम वासियों की बात पर ध्यान नहीं दिया और जेसीबी व ड्रिल मशीन से काम जारी रखा।

इससे लोगों के मकानों की नींव हिल गई। मोहल्ले वासियों ने काम चलने के दौरान ही संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी प्रार्थना पत्र और ज्ञापन देकर मांग की थी कि संबंधित ठेकेदार लापरवाही पूर्ण कम कर रहा है इससे लोगों के मकान ढ़हने का खतरा है।

कोटड़ा गांव

विभागीय उच्च अधिकारियों ने ग्राम वासियों की बात पर कोई एक्शन नहीं लिया परंतु मौके पर उच्च अधिकारी ने यह जरूर बताया कि संबंधित गड्ढे को निश्चित रूप से ही मिट्टी से भरा जाना चाहिए। उसे पत्थरों से भरा जाना उचित नहीं है परंतु उसके बावजूद भी संबंधित ठेकेदार के कर्मचारियों ने केवल लीपा पोती करने की कोशिश की। अब काम चलने के दौरान ही शुक्रवार को रात भर से ही जमकर बारिश हुई और सड़क का पानी लोगों के मकानों की नींव में घुस गया। इससे 3 से 4 परिवारों के मकान बुरी तरह से डैमेज हो गए हैं। चोड़ी-चोड़ी दरारें आ गई हैं। अब वो मकान रहने लायक नहीं बचे हैं। कभी भी मकान की छाते नीचे गिर सकती है मौके पर कुछ ऐसे हालात हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि संबंधित मामले में हम जिला कलेक्टर को भी ज्ञापन देने पहुंचे थे परंतु मौके पर जिला कलेक्टर नहीं होने के कारण हमने कार्यालय में अन्य अधिकृत अधिकारी को ज्ञापन देकर रिसिप्ट ली है। जिसकी कॉपी भी हमारे पास में मौजूद है परंतु इतनी कार्यवाही के बावजूद भी ग्रामीणों की बात पर प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब लोगों की जान माल पर बनी हुई है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है खबर छापी जाने तक प्रशासन ने संबंधित मामले में कोई कार्यवाही नहीं की ग्रामीणों का दर्द है कि जल्द ही प्रशासन मामले में संज्ञान ले। पीड़ित परिवारों के निवास के लिए उचित प्रबंध करें योजना अंतर्गत किए जा रहे काम को पुनः व्यवस्थित तरीके से करवाया जाए।

ग्रामीणों ने बताया कि हमने संबंधित घटना के बारे में स्थानीय सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी (ग्राम सेवक) को सूचित किया है परंतु वह भी घटनास्थल का मौका मायना करने नहीं पहुंचे। उनके द्वारा भी ग्राम के पीड़ित परिवारों को कोई आश्वासन नहीं दिया गया। पीड़ित परिवार रात को पड़ोसियों के घर पर जाकर सोने को मजबूर हैं परंतु दिनभर उनके अपने घर में ही रहना खाना और बच्चों का निवास है। कभी भी बड़ा हादसा होने का अंदेशा है।

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