
नीमकाथाना जिला हटाये जाने के विरोध में 17 वें दिन भी धरना रहा जारी
नीमकाथानाः जिला बनाने की मांग को लेकर 17 वें दिन भी हड़ताल जारी रहा जिसमें भूख हड़ताल पर बैठे लोगो को माला पहनाकर संबोधित किया जिसमें बलदेव यादव, चन्द्रशेखर जाखड़, विरेन्द्र स्वामी, मोनू भावरिया, केशव सैनी ने नीमकाथाना जिले को यथावत रखने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ कर धरने को जारी रखा।
धरने पर बैठे लोगो में जोश देखा गया और उनकी एकजुटता में निरंतर बढोतरी हो रही है। राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन धीरे-धीरे इस आंदोलन से जुड़ रहे है, जिससे इसका प्रभाव और भी व्यापक हो रहा है। यह समर्थन आंदोलन को मजबूती प्रदान कर रहा है और आगे भी इससे जुड़े लोग इस संघर्ष को निरंतर जारी रखने का संकल्प ले रहे है। कई प्रमुख नेता भी इस आंदोलन के समर्थन मे सामने आए है, जिससे आंदोलन को और अधिक मजबूती मिल रही है। लोग अब इस संघर्ष को सिर्फ एक पेशेवर मुद्दा नहीं, बल्कि एक जनांदोलन के रूप में देख रहे है।
विभिन्न राजनीतिक दलो और समाज के प्रमुख व्यक्तियों ने भी अपनी आवाज उठाई और नीमकाथाना जिले को फिर से बहाल करने के लिए संयुक्त संघर्ष का संकल्प लिया। जनसभा में यह संदेश साफ था कि यह मुदा सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि जनता का अधिकार और उनका भविष्य है।
बाबूलाल माठ सिरोही, कृष्ण यादव मांकड़ी, राजेन्द्र आर्य कैरवाली, रामसिंह गुरूजी राजनगर, बबन सैनी, भागुराम सैनी डेहरा जोहड़ी, लक्ष्मण गुर्जर बानियाला, जमन यादव, लक्ष्मण राम गुर्जर माहवा, संमोष सैनी, सूरजमल सैनी ने समर्थन दिया।
यह भी पढ़ें: जैसलमेर में बोरवेल से निकले पानी का इतिहास 60 लाख साल पुराना होने का किया गया दावा