
नीमकाथाना: जिला बनाने की मांग को लेकर 33 वें दिन भी हड़ताल जारी रहा जिसमें विधायक सुरेश मोदी ने भूख हड़ताल पर बसंत यादव, राकेश कुमार बड़सरा, विजेन्द्र रोजड़िया, विक्रम यादव, पप्पूराम गुर्जर, बनवारी लाल शर्मा को माला पहनाकर धरने पर बैठया।
पूर्व सरपंच बसंत यादव ने कहा कि क्रामिक भूख हड़ताल पर बैठे लोगो का उत्साह वर्धन किया और कहा कि हम सभी की मेहनत कामयाब रहेगी नीमकाथाना जिला यथावत किये जाने की प्रबल संभावना है, भाजपा सरकार ने जब से नीमकाथाना जिले और संभाग को निरस्त किया जब से लगातार यहां की जनता शांतिपूर्ण विरोध करते हुए आंदोलनरत है लेकिन उनके मंत्रियों द्वारा जिस तरीके की बयानबाजी की जा रही है उसके विरोध में विरोध-प्रदर्शन और चक्का जाम के माध्यम से राज्य सरकार तक अपनी आवाज पहुंचायेगे।
नीमकाथाना को जिला बनाने से यहां के आर्थिक और सामाजिक विकास में काफी सुधार आया था और अब इसे हटाने से यहां के नागरिकों की खुशहाली पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होने उदाहरण दिया कि कई अन्य जिलों की तुलना में नीमकाथाना क्षेत्र में प्रशासनिक कार्याे की गति बढ़ी थी, जिससे लोगो को सरकारी सेवाए आसानी से मिल रही थी। नीमकाथाना जिले के पुनर्गठन के लिए यह जनसभा एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है, क्योकि इससे स्थानीय जनता की एकजुटता और संघर्ष का पता चलता है। अब यह देखना बाकी है कि सरकार इस विरोध को किस तरह से देखती है और इस पर क्या निर्णय लेती है।
विभिन्न राजनीतिक दलो और समाज के प्रमुख व्यक्तियों ने भी अपनी आवाज उठाई और नीमकाथाना जिले को फिर से बहाल करने के लिए संयुक्त संघर्ष का संकल्प लिया। जनसभा में यह संदेश साफ था कि यह मुदा सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि जनता का अधिकार और उनका भविष्य है।
धरने पर बैठे लोगो में जोश देखा गया और उनकी एकजुटता में निरंतर बढोतरी हो रही है। राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन धीरे-धीरे इस आंदोलन से जुड़ रहे है, जिससे इसका प्रभाव और भी व्यापक हो रहा है। यह समर्थन आंदोलन को मजबूती प्रदान कर रहा है और आगे भी इससे जुड़े लोग इस संघर्ष को निरंतर जारी रखने का संकल्प ले रहे है। कई प्रमुख नेता भी इस आंदोलन के समर्थन मे सामने आए है, जिससे आंदोलन को और अधिक मजबूती मिल रही है। लोग अब इस संघर्ष को सिर्फ एक पेशेवर मुद्दा नहीं, बल्कि एक जनांदोलन के रूप में देख रहे है।
प्रेम यादव, दिनेश गठाला , कैलाश सैनी मावंडा कला, मूलचंद सैनी,रामसिंह राजनगर, इंद्राज यादव,प्रवीण जाखड़, विकास मीणा, सत्येंद्र सिंह, नंदलाल सैनी छावनी, धर्मवीर यादव, मनीष गुर्जर, बनवारी लाल शर्मा, राजेंद्र सिंह आर्य, राजेश बाजिया, बलवीर खैरवा, एकांत यादव, मनोज भंवरिया, पप्पू राम गुर्जर लाखा, राजू यादव ने समर्थन दिया।
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