सीकर: पलसाना पंचायत समिति के रानोली कस्बे के गणगौर स्टेडियम में संसद शहीद जेपी यादव की पुण्य स्मृति में बुधवार से 24वीं क्रिकेट प्रतियोगिता का भव्य शुभारम्भ हुआ। आयोजन समिति के सदस्य झाबरमल आर्य ने बताया कस्बे के गणगौर स्टेडियम में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन मैच रानोली सुपर स्टार व बालाजी गोरियां के बीच खेला गया। इस प्रतियोगिता में विजेता टीम को 81 हजार और उपविजेता टीम को 41 हजार रूपये नगद व ट्रॉफी दी जाएगी। वहीं प्रतियोगिता में 14 ओवर के लीग, 16 ओवर का सेमीफाईनल व 20 ओवर का फाईनल मैच होगा। इस प्रतियोगिता में कुल 30 मुकाबले खेले जाएंगे और 5 जनवरी को फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। क्रिकेट प्रतियोगिता के उदघाटन समारोह के मुख्य अतिथि सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजोर, दातारामगढ़ विधानसभा प्रत्याशी गजानन्द कुमावत,रानोली पूर्व सरपंच विनोद यादव, सरपंच ओंकारमल सैनी,अजीत सिंह, ईश्वरलाल, बबलू पटवारी,महावीर वर्मा,मोहन गुर्जर, संजय जैन, नटवर लाल सेनी सहित आदि गणमान्य लोगों मौजूद रहे।
”सीकर के बेटे जेपी यादव की शहादत की कहानी, यूं किया था आतंकियों से मुकाबला”
कौन थे शहीद जेपी यादव ?
बता दें कि शहीद जेपी यादव राजस्थान के नीमकाथाना के रहने वाले थे। वे 13 दिसम्बर 2001 को उप-राष्ट्रपति कृष्णकांत की प्रस्थान व्यवस्था में संसद के गेट नम्बर 11 पर तैनात थे। जेपी यादव के दो एक बेटा गौरव व एक बेटी है। वीरांगना का नाम प्रेमीदेवी हैं।
ऐसे हुआ भारतीय संसद पर हमला…
13 दिसम्बर 2001 को सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर दिल्ली स्थित संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा था। सब कुछ सामान्य था। सत्र में सांसदों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा था। इस बीच कुछ सांसद संसद भवन से बाहर निकले। ऐसे में संसद परिसर में गाड़ियों के आने-जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। इस दौरान संसद भवन परिसर में एक सफेद रंग की लाल बत्ती लगी हुई एंबेसडर कार ने प्रवेश किया। कार पर गृह मंत्रालय का स्टीकर लगा हुआ था जबकि उसमें पांच आतंकी सवार थे।
गेट नंबर 11 के पास रोका आतंकियों की कार को…
एक तरफ कार में सवार पांच आतंकी ससंद भवन की ओर बढ़ रहे थे। वहीं, दूसरी ओर तत्कालीन उप-राष्ट्रपति कृष्णकांत संसद भवन से बाहर निकलने वाले थे, इसलिए उनकी गाड़ियों का काफिला गेट नंबर 11 पर खड़ा हो गया था। इतने में 5 आतंकियों से भरी कार गेट नंबर 12 को पार करते हुए उनके काफिले के पास पहुंच गई।
ऐसे शहीद हुए थे सीकर के बेटे जेपी यादव…
कृष्णकांत की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने एंबेसडर कार को रोकने की कोशिश की, तब काफिले में तैनात दिल्ली पुलिस के ASI जीतनराम की आवाज सुनकर सुरक्षाकर्मी जगदीश यादव आतंकियों की गाड़ी की ओर भागे। संसद के सभी दरवाजों को बंद करने के लिए कहा गया और इतने में ही आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इस फायरिंग में जगदीश यादव को गोली लग गई और यादव शहीद हो गए थे।
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