नाबालिग बालकों के पुनर्वास के लिए बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड लाइन एवं प्रशासन द्वारा संयुक्त कार्रवाई
सीकर 7 जून। मावण्डा कला (तहसील नीमकाथाना, जिला सीकर) में दो नाबालिग बालक — रोहित भार्गव एवं मनीष भार्गव — संरक्षक विहीन एवं असहाय अवस्था में भिक्षवर्ती करते हुए पाए गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों बालकों के पास न तो कोई स्थायी आवास था और न ही कोई अभिभावक।
इस संवेदनशील सूचना पर तत्परता दिखाते हुए बाल अधिकारिता विभाग, सीकर की सहायक निदेशक डॉ. गार्गी शर्मा द्वारा चाइल्ड लाइन सीकर एवं गायत्री सेवा संस्थान की संयुक्त टीम को त्वरित कार्रवाई के लिए ग्राम मावण्डा कला भेजा गया।
चाइल्ड लाइन से राकेश चिरानिया एवं गायत्री सेवा संस्थान से जितेन्द्र द्वारा बाल कल्याण समिति सीकर के निर्देशानुसार मौके पर पहुंचकर सामाजिक जाँच की गई। जाँच में पुष्टि हुई कि दोनों बालकों के पास कोई संरक्षक नहीं है और उन्हें पुनर्वास की तत्काल आवश्यकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अखबार में छपी खबर के ऊपर लिखते हुए सीकर जिला कलेक्टर से उचित कार्यवाही की मांग की थी। उसे पर जिला कलेक्टर ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्यवाही को अंजाम दिया है।

ग्राम सरपंच महावीर प्रसाद सैनी द्वारा बालकों के पुनर्वास के लिए विधिवत आवेदन प्रस्तुत किया गया। इस दौरान उपखण्ड अधिकारी नीमकाथाना स्वयं उपस्थित रहे, जिससे कार्रवाई की पारदर्शिता सुनिश्चित हुई।
इसके पश्चात चाइल्ड लाइन टीम द्वारा दोनों बालकों को सीकर लाया गया और बाल कल्याण समिति सीकर के आदेशानुसार उन्हें ‘वात्सल्य धाम, रेवासा’ में अस्थायी रूप से प्रवेश देकर पुनर्वासित किया गया।
बाल कल्याण समिति सीकर के अध्यक्ष अंकुर बहड़ ने जानकारी दी कि समिति द्वारा बालकों के परिवार की विस्तृत जांच की जाएगी एवं आवश्यकता अनुसार उन्हें परिवार में पुनर्वासित करने के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएंगे। साथ ही शासन की संबंधित योजनाओं के माध्यम से बालकों को आवश्यक सहायता भी प्रदान की जाएगी।
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