कई राजनीतिक व गैर राजनीतिक संगठनों व पत्रकारों ने भी जिला बचाओ संघर्ष समिति को दिया समर्थन, एडीएम को नीमकाथाना जिला को यथावत रखने हेतु दिया ज्ञापन
नीमकाथाना: जिला हटाये जाने के विरोध में पाटनवाटी के क्षेत्रीय विकास समिति ने रैली निकालकर मुख्यमंत्री का पुतला जलाया जिसमें स्थानीय विधायक सुरेश मोदी भी शामिल रहे।
शुक्रवार को पाटनवाटी क्षेत्र में नीमकाथाना को जिला को निरस्त करने के विरोध में होली चौक पर मुख्यमंत्री का पुतला जलाकर पुरजोर विरोध करते हुये मुख्य बाजार होते हुए एक रैली के रूप में तहसील कार्यालय पर तहसीलदार को ज्ञापन दिया गया। जिसमें विधायक सुरेश मोदी भी शामिल रहे। आंदोलनकारियों का कहना है कि यदि राज्य सरकार जल्द ही उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो यह आंदोलन और बडे़ स्तर पर किया जाएगा।
नीमकाथाना जिला बनाने की मांग को लेकर चौथे दिन भी हड़ताल जारी रही। बबन सैनी, विशम्भर दयाल सैनी, छीतरमल, मानसिंह बिजारणियां, विजेन्द्र रोजडियां ने नीमकाथाना जिले को यथावत रखने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ कर धरने को जारी रखा। नीमकाथाना जिला बनाने के सभी मापदण्डों (यथा जिला मुख्यालय से दूरी, जनसंख्या, क्षेत्रफल, पुर्व स्थापित कार्यालय एवं सुविधाओं, तथा कानून व्यवस्था के मध्यनजर तथा नीमकाथाना में रेलवे एवं फ्रेट कारीडोर, चारों तरफ स्टेट हाईवे से जुड़ा हुआ। एक वर्ष एवं पांच माह बाद दिनांक 28 दिसम्बर 2024 को राजस्थान सरकार द्वारा नीमकाथाना को जिला हटा दिया गया, यह पुनः विचारणीय बिन्दु है। सरकार द्वारा जिला गठित करने के मापदण्डो में जिले की जनसंख्या 10 लाख होना, मुख्यालय से 50 कि.मी. की दूरी होना तथा बनाये जाने वाले मुख्यालय से शामिल क्षेत्र से दूरी आदि पर विचार करना। कानून व्यवस्था की दृष्टि से देखें तो नीमकाथाना मुख्यालय से किसी भी शामिल तहसील व उप तहसील मुख्यालय पर 30 से 45 मिनट में पहुंचा जा सकता है जबकि सीकर/झुन्झुनू से पहुंचने में 70 से 90 मिनट का समय लगता है।
नीमकाथाना जिला बनाये रखने के लिये अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ नीमकाथाना, नीमकाथाना पत्रकार समिति, अभिभाषक संघ नीमकाथाना को जिला यथावत रखने की मांग को लेकर सड़को पर उतरे कर्मचारी, वकील और सघ के लोगो ने रैली निकालकर विरोध जताया और अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौप कर जिला बचाओं संघर्ष समिति को अपना समर्थन दिया। क्रमिक भूख हड़ताल को जारी रखने के लिये पांचवे दिन अनिल वर्मा, नंदलाल सैनी, लालचन्द सैनी, मालाराम शास्त्री, सांवरमल खटाणा भूख हडताल पर बैठेगे।
इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि राजेन्द्र यादव, महेश मेगोयिता, कांता प्रसाद शर्मा, मालराम गुर्जर सरपंच, सकील खान, राजू खान, राजू शर्मा, दिपक तोला, अशोक तोला, अमित शर्मा, विरेन्द्र कौशिक, ईमरान खान, योगेश सोनी, सत्यनारायण यादव, श्रीजी सैनी, विकास मीणा, अवतार गुर्जर, बसंत यादव, श्रवण वकील, राजेश बाजिया, गोकुल यादव, शिवपाल भाटी, गोपाल सैनी कामरेट, राजेन्द्र महराणिया, नरेन्द्र यादव, झूथाराम सैनी, रामसिंह डांगी, रामसिंह मास्टर, रामस्वरूप, भागू सैनी, जमनलाल यादव, पंकज वकील, हरीश वकील, उज्वल वकील, नरेन्द्र सैनी, भीम सिंह मीणा, अजित सिंह, नेतराम मरोडिया, गोरधन तेतरवाल, बलदेव यादव, मदनलाल सैनी, रामसिंह जाट, गुरूदयाल सैनी, राजेन्द्र सिंह चौधरी एवं सैकड़ों क्षेत्रवासी मौजूद रहे।